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मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर

गो-पालकों के लिए अच्छी खबर, देसी गाय खरीदने पर इस राज्य में मिलेंगे 25000 रुपए

गो-पालकों के लिए अच्छी खबर, देसी गाय खरीदने पर इस राज्य में मिलेंगे 25000 रुपए

चंडीगढ़। हरियाणा से गोपालकों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। हरियाणा सरकार ने एक देसी गाय खरीदने पर किसान को 25000 रुपए की सब्सिडी देने की घोषणा की है। 

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ा फैसला लिया गया है। हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने एक देसी गाय की खरीद पर किसान को 25 हजार रुपए देने का फैसला लिया है। 

साथ ही किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम निःशुल्क दिए जाएंगे। हरियाणा राज्य इस तरह की घोषणा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

पीएम की मुहिम को सफल बनाने का प्रयास

- हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेचुरल फार्मिंग वाली मुहिम को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे जहरीले केमिकल वाली खेती पर अंकुश लग सके।

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50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य

- मनोहरलाल खट्टर सरकार ने प्रदेश की 50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में 'खेत प्रदर्शनी' कार्यक्रम लगाए जाएंगे, 

जिससे दूसरे किसान भी जहरीली खेती करने से तौबा करें और जैविक खेती की ओर रुख करें। प्राकृतिक खेती से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

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इस तरह किया गया है एलान

- हरियाणा के करनाल स्थित डॉ. मंगलसैन ऑडिटोरियम में प्राकृतिक खेती पर राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। 

बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की गई है। 

ऐसे सभी किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान तय किया गया है। सीएम ने कृषि वैज्ञानिकों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक करने की बात कही। और जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। ------ लोकेन्द्र नरवार

किसानों की आय बढ़ाने का फॉर्मूला लेकर आई हरियाणा सरकार, किया 100 करोड़ का निवेश

किसानों की आय बढ़ाने का फॉर्मूला लेकर आई हरियाणा सरकार, किया 100 करोड़ का निवेश

गत वर्ष किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार को हिला दिया था। वजह साफ थी कि किसान अपनी आय को लेकर बेहद परेशान है और वह MSP को किसी हाल में नहीं छोड़ना चाहता। लेकिन इससे भी जरूरी बात है कि किसानों की आय दूसरे स्रोतों से बढ़े। इन्हीं चीज़ों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि वे अब पारंपरिक फसलों के मुकाबले बागवानी फसलों की तरफ अपना रुख कर रहे हैं। इस कदम का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है।


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प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का कहना है कि प्रदेश में किसानों के बीच बागवानी और पशुपालन पहले के मुकाबले बढ़ा है और आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाने का लक्ष्य है। बागवानी को तरजीह देने की वजह फसल विविधीकरण नीति को बताया गया है। इस नीति के अंतर्गत फसलों के लिए जमीन हमेशा बेहतर बनी रहेगी। मौजूदा समय में हरियाणा की 7 प्रतिशत कृषि भूमि पर बागवानी होती है। साल 2030 तक बागवानी का प्रतिशत 30 तक करने की संभावनाएं हैं। इसके लिए सरकार ने 14 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए हैं जो बागवानी में इस्तेमाल होने वाली नवीनतम टेक्नॉलजी के बारे में जानकारी देगी। इसमें निवेश की बात करें तो अब तक 100 करोड़ से ज्यादा की राशि सरकार इन्वेस्ट कर चुकी है। इसके अलावा सरकार ने पशुपालन को भी बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि वे दूध के उत्पादन में हरियाणा को नंबर 1 बनाना चाहते हैं।


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प्रदेश के पशुओं में इस समय लंपी बीमारी का प्रकोप (Lumpy Skin disease) बढ़ा है जिसके चलते पशुपालक खासे परेशान हैं। लेकिन इसको लेकर सरकार किसानों के साथ खड़ी है और सरकार ने कहा है कि वे 20 लाख पशुओं का वैक्सिनेशन कराएंगे। अभी उनके पास 3 लाख वैक्सीन उपलब्ध हैं जबकि 17 लाख वैक्सीन का ऑर्डर किया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पशुपालन और बागवानी के दो नए केंद्रों को लॉन्च किया है।


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ये अनुसंधान केंद्र खरकड़ी में हैं जिनके नाम क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र व पशुविज्ञान केंद्र हैं। गौर करने वाली बात है कि इन केंद्रों को बनाने के लिए ग्राम पंचायत खरकड़ी ने 120 एकड़ जमीन दी है। इन केंद्रो को बनने में 39 करोड़ रुपये लगेंगे और पूरा प्रोजेक्ट 2 सालों में बनकर तैयार हो जाएगा। इन केंद्रों में आपको देश विदेश की सब्जियों, फलों, औषधीय और सुगंधित पौधों, मसालों की वैराइटी से संबंधित हर चीज उपलब्ध होगी। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन केंद्रों से आपको क्या फायदा होगा, तो आपको बता दें इन केंद्रों में बागवानी फसलों की सबसे बेहतरीन किस्मों का विकास किया जाएगा जो कीटों को लगने नहीं देंगी और फसलों का विकास बेहतरीन ढंग से होगा। साथ ही किसान यहां से बढ़िया क्वालिटी वाले पौधे व बीज ले सकेंगे जिससे उन्हें फसलों में फायदा होगा। साथ ही नई तकनीक को बढ़ाने में भी काम होगा।